नोट: सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए।
भाग-क
(क). व्यंग्य और क्रोध में आग और तेल का संबंध है। व्यंग्य हृदय को इस प्रकार विदीर्ण कर देता है जैसे छैनी बर्फ के टुकड़े को । सुमन क्रोध से विहवल होकर बोली- अच्छा तो जबान संभालो, बहुत हो चुका। घंटे भर से मुँह में जो अनाप-शनाप आता है, बकते जाते हो। मैं तरह देती जाती हूँ, उसका यह फल है। मुझे कोई कुलटा समझ लिया है।
(ख) नीतिशास्त्र और साहित्यशास्त्र का लक्ष्य एक ही है केवल उपदेश की विधि में अंतरहै। नीतिशास्त्र तर्कों और उपदेशों के द्वारा बुद्धि और मन पर प्रभाव डालने का प्रयत्न करता है, साहितय ने अपने लिए मानसिक अवस्थाओं और भावों का क्षेत्र चुन लिया है। हम जीवन में जो कुछ देखते हैं या जो कुछ हम पर गुजरती है. वही अनुभव और वही चोटें कल्पना में पहुँकर साहित्य सृजन की प्रेरणा करती है कवि या साहित्यकार में अनुभूति की जितनी 1 तीव्रता होती है, उसकी रचना उतनी ही आकर्षक और ऊँचे दर्जे की होती है।
(ग) अब बस्ती घनी होने लगी। ईदगाह जानेवालों की टोलियाँ नजर आने लगी। एक से एक भड़कीले वस्त्र पहने हुए। कोई इक्के ताँगे पर सवार, कोई मोटर पर, सभी इत्र में बसे सभी के दिलों में उमंग। ग्रामीणों का यह छोटा-सा दल अपनी विपन्नता से बेखबर, सन्तोष ओर धैर्य में मगन चला जा रहा था। बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं। जिस चीज की ओर ताकते, ताकते ही रह जाते और पीछे से बार-बार हार्न की आवाज होने पर भी न चेतते। हामिद तो मोटर के नीचे जाते-जाते बचा।
(घ). बिरला ही कोई भला आदमी होगा, जिसके सामने बुढ़िया ने दुःख के आँसू न बहाये हो किसी ने तो यों ही ऊपरी मन से हूँ-हाँ करके टाल
भाग-बी
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 750-800 शब्दों में दीजिए।
(1). प्रेमचंद के वैचारिक गद्य का परिचय प्रस्तुत कीजिए।
(2). 'सेवासदन' की अंतर्वस्तु पर प्रकाश डालिए।
(3) 'दो बैलों की कथा के प्रमुख चरित्रों की विशेषताएँ बताइए।
भाग- सी
3. निम्नलिखित विषयों पर (प्रत्येक) लगभग 250 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:
(1) हल्कू का चरित्र
(2) प्रेमचंद की कहानियाँ
'शतरंज के खिलाड़ी' कहानी का कथासार